गोपाष्टमी का श्राप
  गोपाष्टमी  का   श्राप              कहानी इस तरह शुरू हुई कि  इंदिरा  गाँधी , करपात्री  जी  महाराज  के  पास  आशीर्वाद  लेने  गई  तब  करपात्री  जी  ने  कहा  आशीर्वाद  तो  दूँगा  लेकिन  सरकार  बनते  ही  पहले  गौ  हत्या  के  विरुद्ध  कानून  बना  कर  गौ  हत्या  बंद  करनी  होगी।    इंदिरा  ने  हामी  भरी , दो  महीने  बाद  करपात्री  जी  इंदिरा  से  मिले , उनका  वादा  याद  दिला  कर  गौ  हत्या  के  विरुद्द  कानून  बनाने  के  लिए  कहा  तो  इंदिरा  जी  ने  कहा  कि  महाराज  जी  अभी  तो  मैं  नई  हूँ , कुछ  समय  दीजिए।  कुछ  समय  बाद  करपात्री  जी  फिर  गए  और  कानून  की  मांग  की  लेकिन  इंदिरा  ने  फिर  टाल  दिया।    कई  बार  मिलने  वादा  याद  दिलाने  के  बाद  भी  जब  इंदिरा  ने  गौ  हत्या  बंद  नहीं  की , कानून  नहीं  बनाया  तो  7 नवम्बर  1966, उस  दिन  कार्तिक  मास , शुक्  ल  पक्ष  की  अष्  टमी  तिथि , देश  का  संत  समाज , शंकराचार्य , अपने  छत्र  आदि  छोड़  पैदल  ही , आम  जनता  के  साथ , गायों  को  आगे  कर  संसद  कूच  किया।करपात्री  जी  के  नेतृत्व  में  जगन्नाथपुरी , ज्य...